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बनारस गंगाजल रहस्य: क्यों है मोक्ष नगरी से जल लाना वर्जित? जानिए! | धर्म Banaras Ganga Water Sacred Secret
बनारस: SattaKiJung की रिपोर्ट के अनुसार, गंगा किनारे बसे बनारस शहर से गंगाजल लाना वर्जित माना जाता है, जिसके पीछे एक गहरा रहस्य छुपा है।
यह शहर, जिसे काशी के नाम से भी जाना जाता है, न केवल एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है, बल्कि आध्यात्मिक दृष्टि से भी इसका विशेष महत्व है।
मान्यता है कि काशी भगवान शिव से संबंधित है।
श्रद्धालु आमतौर पर हरिद्वार और प्रयागराज से गंगाजल लाते हैं, जो शुभ माना जाता है, लेकिन बनारस के मामले में यह प्रथा अलग है।
बनारस को मोक्ष नगरी कहा जाता है, जहाँ मणिकर्णिका घाट पर प्रतिदिन अनेक लोगों का दाह संस्कार किया जाता है।
दाह संस्कार के बाद उनकी राख गंगा नदी में प्रवाहित की जाती है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, ऐसा करने से मृतक व्यक्ति जन्म-मरण के चक्र से मुक्त हो जाता है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
यही कारण है कि बनारस से गंगाजल लाने की मनाही है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि यहाँ से जल लाने पर अनजाने में मृत आत्माओं के अवशेष या राख के कण आ सकते हैं।
बनारस, धर्म और अध्यात्म का एक अनूठा संगम है।
- बनारस से गंगाजल लाने पर क्यों है मनाही, जानिए कारण।
- मोक्ष प्राप्ति के लिए काशी में दाह संस्कार का महत्व।
- हरिद्वार और प्रयागराज से गंगाजल लाना क्यों माना जाता है शुभ?
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Posted on 30 December 2025 | Keep reading sattakijung.com for news updates.
